हैदराबाद में मैट सज चुका था, प्रसंशक तैयार थे, और यूपी योद्धा सीज़न का जीत के साथ आगाज़ करने के लिए बेताब थी। यूपी ने टॉस जीता और कोर्ट का फैसला किया। यूपी को पहला अंक प्रपंजन को टैकल कर के मिला। शुरूआत में लगा जैसे पूरे मैच में यूपी के योद्धा हावी होने वाले हैं। लेकिन मैच खत्म हुआ तो नतीजा बंगाल के पक्ष में था। शानदार शुरूआत करने वाली यूपी 40 मिनट के खेल के बाद सिर्फ 17 अंक खाते में जो पाई थी, जवाब में बंगाल वॉरियर्स ने 48 अंक हासिल कर जीत अपने नाम कर ली।
इस मैच में टीम के स्टार रेडर नहीं खेल रहे थे। ऐसे में यूपी के पास रेडर के रूप में मोनू गोयत, सुरेंद्र सिंह और श्रीकांत जाधव थे, जबकि अमित, नरेंद्र और नितेश कुमार मैट में डिफेंडर कि भूमिका में नज़र आए। टीम में एकलौते सचिन कुमार आलराउंडर थे। बाद में टीम ने बदलाव भी किए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। टीम की शुरूआत शानदार रही, जिसमें कई सफल रेड और टैकल देखने को मिले और टीम ने बढ़त हासिल कर ली।
टीम की ये बढ़त ज्यादा देर तक नहीं रही, और मनिंदर सिंह पर नितेश कुमार का सुपर टैकल का प्रयास असफल हो जाने से ये बढ़त खत्म हो गई। उधर नबीबख्श और मनिंदर सिंह ने मिलकर बंगाल वारियर्स की ओर से सफल रेड करना जारी रखा। श्रीकांत जाधव के बार-बार असफल होने की वजह से अंकों का अंतर बढ़ता गया। एक समय मैच में 0-4 की बढ़त बनाने वाली यूपी योद्धा, मैच के पहले हाफ के समाप्त होने तक 17-9 से पिछड़ चुकी थी।
दूसरे हाफ में टीम के खेल का स्तर और नीचे आ गया। एक ओर जहां मोनू गोयत लगातार प्रयास कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर सुरेंद्र सिंह और श्रीकांत जाधव उनका साथ देने में सफल नहीं हो पा रहे थे। दूसरी ओर बंगाल वारियर्स के मोहम्मद नबीबख्श और बलदेव सिंह लगातार अपने प्रदर्शन से मैट पर कहर ढाह रहे थे। मैच खत्म हुआ तो बंगाल वारियर्स ने 48 अंक जुटा लिए थे, जबकि यूपी के खाते में सिर्फ 17 अंक ही थे। इस तरह यूपी को अपने सीज़न के पहले ही मैच में करारी हार का सामना करना पड़ा। अब यूपी योद्धा को अपना अगला मैच 26 जुलाई को गुजरात फॉर्च्यूनजाएंट्स के साथ खेलना है।